1 – 9 मई का विजय एक युद्ध में विजय था जो साथ ही
साथ युद्धवाद पर विजय था।
हिटलरी
सेना पर विजय होने के साथ साथ वह पूरी दुनिया में फैल रही धूर दक्षिणपंथी आधिपत्यवाद
पर एवं उन्हे बड़ी पूंजी द्वारा दिये जा रहे बढ़ावे पर गहरा धक्का था।
पूरी
दुनिया में मुक्तिकामी शक्तियों को इस विजय ने प्रेरित किया। राष्ट्रीय मुक्ति की एक
लहर उठी जिसके कारण सोवियत क्रांति से शुरु हुई परम्परा आगे बढ़ती रही। बीसवीं सदी मुक्ति
की सदी कहलाई।
हुआ बीसवीं सदी का प्रभात,
जगो नई चेतना में, उठो वीर!
नये ध्यान नई धारणाओं में
नये प्राण, नई प्रेरणाओं में
सभी युगों से उपर, उठाओ शीश
सभी बन्धनों से मुक्त, जगो वीर!
…
दक्षिण, उत्तर, पश्चिम, पूर्व में
योरोप, रुस, चीन, अरब, मिस्र में
हम हैं आज एक देह, एक प्राण,
वाणी एक – ‘रहेंगे न कोई गुलाम’।
दानवों के महलों को जीत चलें –
आज न हो, होगा दिन दो-चार में।
1929
की मंदी, समाजवादी क्रांति का खतरा, पूंजीवादी अर्थनीति में नई “मांग प्रबन्धन” एवं
पूर्ण रोजगार सम्बन्धी विचार, बजट में वित्तीय घाटे को बढ़ावा दिये जाने वाले विचार,
सरकारी निवेश वाले विचार आने लगे …
(हालाँकि
वे लागू हुए द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद, जिन्हे हमने तथाकथित ‘कल्याणकारी’ अर्थनीति
के रूप में जाना)। बड़ी पूंजी के मालिक इसके सख्त विरोधी थे, सो उन्होने धुर दक्षिणपंथी
राजनीतिक धाराओं को बढ़ावा देना शुरु किया जो विभिन्न देशों में स्थानीय सामाजिक अन्तर्विरोधों
के अनुसार विभिन्न नामों से पनपे।
विश्व भर में फासीवादी प्रवृत्तियाँ
जर्मनी, इटली, जापान – ऐक्सिस पावर्स
Hungarian
fascist Gyula Gömbös rose to power as Prime Minister of Hungary in
1932
The fascist Iron Guard movement in Romania soared
in political support after 1933,
During
the 6 February 1934
crisis, France faced
the greatest domestic political turmoil since the Dreyfus Affair when the fascist Francist
Movement and multiple far right
movements rioted en masse in
Paris against the French government resulting in major political violence.[138]
A
variety of para-fascist governments that borrowed elements from fascism were
also formed during the Great Depression, including in Greece, Lithuania, Poland and Yugoslavia.
अमरीका – ब्लैक लिजियन, सिल्वर शर्ट्स,
…… 1950 में मैक्कार्थीज्म
इंग्लैंड
- Far-right politics in the United Kingdom have existed since at least the 1930s,
with the formation of Nazi, fascist and anti-semitic movements.
2 – सोवियत संघ तो युद्ध की तैयारी में था ही नहीं!
सोवियत
अर्थनीति में अचानक बदलाव - शांतिकालीन निर्माण से सैन्यनिर्माण की ओर
To
some estimations, in 1933 workers' real earnings sank on more than 11.4% from
1926 level,[52] though
it needs an adjustment due to elimination of unemployment and perks at work
(as, inexpensive meals).[53] Common
and political prisoners in labor camps were forced to do unpaid labor and
communists and Komsomol members
were frequently "mobilized" for various construction projects.
1937 Welded sculpture
The first such sculpture was the famous Worker and Kolkhoz
Woman by Vera Mukhina
1938 Deep column station
type
of subway station, consisting of a central hall
with two side halls, connected by ring-like passages between a row of columns.
3 – स्तालिन इतना शातिर क्यों थे? यही है पूंजीवादियों का गुस्सा। क्यों
वह सपना-वपना देखने वाला सादगी भरा किसान बेटा नहीं। कहाँ से वह युद्ध-कला के इतना
बड़े ज्ञानी हो गए कि पूंजीवादी ताकतों के मन की बात को ताड़ गए?
सेमियोन
बेदनी भी गृहयुद्ध के समय उनका लोहा मानते थे और मार्शल जुकॉव भी द्वितीय विश्वयुद्ध
में उनका लोहा मानते हैं?
4 – (क) जर्मन-सोवियत (मलोटॉव-रिबेनट्रॉप) अनाक्रमण समझौता, अगस्त 23,
1939
(ख)
पोलैंड में प्रवेश (On 17 September
1939, the Soviet Union invaded Poland from
the east, sixteen days after Germany invaded Poland from the west.) स्तालिन झाल बजाते क्या?
पोलैंड
की लड़की आज बोल रही है कि उनकी पिछली पीढ़ी के कम्युनिस्ट-विरोध के बावजूद उन्हे आज
कम्युनिस्ट विचारधारा ज्यादा करीब की लगती है।
1939 Ilyushin Il-2
The world's most
produced combat aircraft.
1939 Self-propelled
multiple rocket launcher
1940s Sikorsky R-4
The R-4 was the world's first mass-produced helicopter and the first
helicopter used by the United States Army Air Forces, Navy, Coast Guard, and
the United Kingdom's Royal Air Force and Royal Navy.
1940 T-34
tank
by Mikhail Koshkin, the most produced tank
of World War II
Nazi Germany invaded the Soviet
Union on June 22, 1941 (Over the course
of the operation, about three million personnel of the Axis powers—the largest
invasion force in the history of warfare—invaded the western Soviet Union along a 2,900-kilometer
(1,800 mi) front, with 600,000 motor vehicles and over 600,000 horses for
non-combat operations…
The Eastern Front of World
War II was a theatre of conflict between the European Axis powers and
co-belligerent Finland against the Soviet Union (USSR),
Poland and other Allies, which encompassed Central Europe, Eastern Europe,
Northeast Europe (Baltics), and Southeast Europe (Balkans) from 22 June 1941 to
9 May 1945.
5 – सँड़सी-हमले
की तैयारी – नेपोलियन पर जबाबी हमले की पुनरावृत्ति – मिलिशिया की भूमिका –
6 – 1944 के जाड़े में फासिस्त सेना का पलायन – ब्रेख्त का नाटक ‘द्वितीय विश्वयुद्ध में शोयाइक’।
7 – मातृभूमि को बचाने के संघर्ष में सोवियत संघ
के दो करोड़ लोगों ने अपना बलिदान दिया।
Data show that the now-defunct Soviet Union had
the highest number of WWII casualties. As many as 27 million people died
Over
87,000 Indian soldiers (including those from modern day Pakistan, Nepal, and Bangladesh) died in World War II.[2] Field
Marshal Sir Claude Auchinleck, Commander-in-Chief,
India, asserted the British
"couldn't have come through both wars [World War I and II] if they hadn't
had the Indian Army."[3][4]
8 – फासीवाद
पर सोवियत संघ के विजय का अन्तरराष्ट्रीय महत्व
(क)
भारत की आजादी – 1947
(ख)
चीन की क्रांति – 1949
(ग)
क्यूबा की मुक्ति - 1953
(घ)
पूरी एशिया, अफ्रिका एवं दक्षिण अमेरिका में मुक्तिकामी शक्तियों कि बढ़ती ताकत, एवं
सामान्यत: पुराने रूप में उपनिवेशवाद केअन्त की शुरुआत;
In
1946, the Communist Party of South Africa along with the African
National Congress participated
in the general strike that was started by the African
Mine Workers' Strike in 1946. (दक्षिण अफ्रिकाई कांग्रेस को भारत की
आजादी एवं महात्मा गांधी के नेतृत्व से प्रेरणा मिली).
On
1945, …the Partido Communista do Brasil became legal once again. By 1947, it
had nearly two hundred thousand members. In the 1947 legislative election, it
received 480 thousand votes or about 9% of total votes cast. (However, this
period of official tolerance did not last long, ..)
(ङ)
कोरियाई मुक्ति (जापान के हाथों से ) – 1946 में उत्तर कोरिया एवं 1950 में दक्षिण
कोरिया में व्यापक भूमि सुधार एवं नतीजे में दोनों हिस्से में लक्ष्यणीय आर्थिक प्रगति
(च)
पूर्वी योरोप के देशों में समाजवादी ताकतों का उभार, स्थिर समाजवादी सरकारों का निर्माण
एवं नैटो के खिलाफ समाजवादी सैन्य खेमें का निर्माण
(छ)
इंग्लैंड में (क्लेमेंस ऐटली) , फ्रांस में (शार्ल द गॉल) की सरकारों के द्वारा ‘राष्ट्रीयकरण,
मांग प्रबन्धन, अधिकतम रोजगार की अर्थनीति की शुरुआत एवं उसी रास्ते से सफलतापूर्वक
युद्धोत्तर पुनर्निर्माण
(ज)
सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका ने सरकारी खर्च कम करते हुए भी विकास दर्ज किया जिसका
उदाहरण देते हुए वह नहीं थकता है, और इस बात को छिपा जाता है कि इसी अवधि में मार्शल
प्लान एवं अन्य अनुदानों के बहाने उसकी पूंजी विश्वबाजार में प्रभुत्व विस्तार करने
लगी – साम्राज्यवाद का सरगना और पूरी दुनिया की जनता का सबसे बड़ी दुश्मन बन गई वहाँ
की सरकार।
दुख मैंने देखा है हर दिन, पाप को देखा है बहुतेरे छलों के साथ,
जीवन की धारा में हर पल देखता हूँ अशांति के भँवर,
मौत करती है लुकाछिपी
पूरी दुनिया में।
बह जाते हैं वे, हट जाते हैं
थोड़ी देर के लिये
विद्रुप कर जाते हैं जीवन को।
आज देखो उनका आसमान फाड़ता विराट स्वरूप।
उसके सामने खड़ा हो जाओ
बोलो निडर होकर –
“तुझसे डरता नहीं हूं
इस संसार में हर दिन मैंने तुझ पर जीत हासिल की है।
तुझसे ज्यादा सत्य हूँ मैं, इस विश्वास के साथ प्राण दूंगा, देख!
शांति सत्य, शिव सत्य, सत्य वही है एक, शाश्वत”
No comments:
Post a Comment